मगर प्रेम में अर्पित आवारा सा नैन स्पर्श की ताक में हूँ।। मगर प्रेम में अर्पित आवारा सा नैन स्पर्श की ताक में हूँ।।
,घृणा, नफ़रत ,क्रोध , आँसू के अलावा मैंने केवल तुम्हारी कल्पना को चुना ! ,घृणा, नफ़रत ,क्रोध , आँसू के अलावा मैंने केवल तुम्हारी कल्पना को चुना !
आज लिखते लिखते लिख गया हज़ार कविता अतिसंवेदनशील में। आज लिखते लिखते लिख गया हज़ार कविता अतिसंवेदनशील में।
कोमल हृदय और तुम्हारे सृजित अस्त्वित्व् में बन के कामिल साजन तुम्हारा। कोमल हृदय और तुम्हारे सृजित अस्त्वित्व् में बन के कामिल साजन तुम्हारा।
तुम्हारे तालु पे उकर सृस्टि के अंत तक सिर्फ तुम्हारा हो जाऊंगा। तुम्हारे तालु पे उकर सृस्टि के अंत तक सिर्फ तुम्हारा हो जाऊंगा।
मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए